परिचय - हिन्दी विभाग की स्थापना 1945 में हुई।
दृष्टिकोण एवं उद्देश्य
युवा लड़के-लड़कियों को व्यवसायिक विकल्प के साथ-साथ मौलिक साहित्य-सृजन हेतु प्रेरित करना तांकि वे नयी सोच के साथ समाज को नवीन तथा सकारात्मक दृष्टि दे सके। साहित्य समाज में मानवीय मूल्यों एवं मानवीय संवेदनाओं को विकसित करने में भी एक अहम भूमिका निभाता है। विभाग यह भी सुनिश्चित करता है कि युवा मानवीय मूल्यों तथा मानवीय संवेदनाओं में दृढ़ हो।
Courses Offered
पाठ्यक्रम
विभाग स्नातक (बी.ए.) स्तर पर विद्यार्थियों को हिन्दी विषय वैकल्पिक रूप में प्रदान करता है। हिन्दी भाषा एवं साहित्य विषय मीडिया, अनुवाद, अध्यापन, अभिनय एवं लेखन, साहित्य-सृजन आदि में कैरियर के उत्कृष्ट अवसरों का मार्ग खोलता है।
बी. ए. प्रथम सेमेस्टर – हिन्दी साहित्य
बी. ए. द्वितीय सेमेस्टर – हिन्दी साहित्य
बी. ए. तृतीय सेमेस्टर – हिन्दी साहित्य
बी. ए. चुतुर्थ सेमेस्टर – हिन्दी साहित्य
बी. ए. पंचम सेमेस्टर – हिन्दी साहित्य
बी. ए. छठा सेमेस्टर – हिन्दी साहित्य
प्रत्येक सेमेस्टर में विद्यार्थियों को साहित्य की विधाओं से रू-ब-रू करवाया जाता है। प्रत्येक सेमेस्टर में पाठ्यक्रम के रूप में विद्यार्थियों को हिन्दी के प्राचीन रूप, उद्भव एवं विकास, वर्तमान में विश्व स्तर पर हिन्दी के बढ़ते प्रयोग, पुराने तथा नये कवियों द्वारा लिखीं कविताएँ, कहानियाँ, नाटक, उपन्यास इत्यादि से अवगत कराया जाता है।
Activities
1. हर वर्ष विभाग द्वारा विशेष रूप से हिन्दी दिवस पर आयोजन किया जाता है। जिसमें भाषण प्रतियोगिता , निबंध लेखन, साहित्यिक विधाओं एवं हिन्दी व्याकरण पर चर्चाएँ संपन्न की जाती हैं। ऐसे आयोजनों पर विभाग के द्वारा विशेष रूप से हिन्दी-वाक् का भी आयोजन किया जाता है जिससे विद्यार्थियों में ही नहीं अपितु सभी में साहित्य एवं हिन्दी के प्रति सम्मान एवं रुचि में बढोत्तरी होती है, जिसमें सभी विद्यार्थीं उत्साहित होकर भाग लेते हैं।
2. सभी विद्यार्थियों द्वारा समय-समय पर विभिन्न विषयों पर असाइनमेंट बना कर कक्षा में प्रस्तुति दी जाती है।
3. विद्यार्थियों में साहित्य लेखन एवं पठन के प्रति प्रोत्साहन हेतु समय-समय पर उन्हें कहानी, कविता, निबंध आदि साहित्यिक विधाओं के स्ट्रक्चर से रू-ब-रू करवाने का प्रयास विभाग के द्वारा किया जाता है। यही कारण है कि साहित्य लेखन में रुचि रखने वाली विभाग की छात्रा गोल्डी गौर ने कॉलेज की शिवालिक पत्रिका के हिन्दी सेक्शन में छात्र-सम्पादकीय का कार्य किया। गोल्डी के अतिरिक्त रवि कुमार, किरणदीप कौर, अंकिता तिवारी, पूजा कुमारी, कमलजीत आदि अनेक छात्र-छात्राओं की मौलिक रचनाएँ भी कॉलेज पत्रिका में प्रकाशित हुईं।
4. विभाग से उत्तीर्ण विद्यार्थी जीवन में व्यावसायिक एवं व्यक्तिगत रूप से एक बेहतर विकल्प की ओर बढ़ रहे हैं।
हिन्दी साहित्य परिषद्
विभाग द्वारा बी.ए. प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय वर्ष के 12 विद्यार्थियों की एक हिन्दी साहित्य परिषद् बनाई गयी है जो अपनी-अपनी कक्षाओं से फंड एकत्रित करते हैं जिसका उपयोग समय-समय पर विभाग की विभिन्न गतिविधियों के लिए किया जाता है।